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Showing posts from July, 2021

क्षेत्रीय राज्य (भाग - 2) - 31/07/2021

Study Novelty By : Ambuj Kumar Singh            क्षेत्रीय राज्य (भाग - 2) ★ बंदा बहादुर जम्मू-कश्मीर का रहने वाला था, जिसका बचपन में लक्ष्मण देव नाम था। बाद में इसका नाम माधवदास पड़ गया, और वैराग्य ग्रहण करने के कारण लोगों ने इसे माधवदास बैरागी नाम दे दिया। नांदेड़ में मुलाकात के बाद गुरु गोविंद सिंह ने इसका नाम गुरबख्श सिंह रखा था। वह अपने आप को गुरु का बंदा कहता था, इसलिए आगे चलकर वह बंदा बैरागी के नाम से मशहूर हुआ। ★ 1838 ईस्वी में पंजाब के दौरे पर आए लॉर्ड ऑकलैंड ने रणजीत सिंह की सेना के घुड़सवारों को देखकर कहा था कि 'यह संसार की सबसे सुंदर फौज है', जबकि फ्रांसीसी पर्यटक विक्टर जैकमा ने रणजीत सिंह की तुलना नेपोलियन बोनापार्ट से की है। ★ 1799 ईस्वी में चतुर्थ आंग्ल-मैसूर युद्ध में टीपू सुल्तान की पराजय एवं मृत्यु के बाद लार्ड वेलेजली ने कहा था कि 'पूर्व का साम्राज्य अब हमारे कदमों में है।' मैसूर जीतने की खुशी में आयरलैंड के लार्ड समाज ने वेलेजली को 'मारक्विस' की उपाधि प्रदान की थी। ★ अवध के स्वतंत्र राज्य का संस्थापक निशापुर के सैय्यदों का शिया वंशज सआदत ...

संविधान - 31/07/2021

Study Novelty By : Ambuj Kumar Singh               संविधान ★ स्वतंत्रता प्राप्ति के समय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष जे बी कृपलानी थे। ★ स्वतंत्र भारत के प्रथम गवर्नर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन थे, जबकि प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी थे। ★ मुहम्मद हिदायतुल्ला एकमात्र ऐसे न्यायाधीश हैं, जिन्होंने राष्ट्रपति के कर्तव्यों का निर्वहन किया है। ★ अब तक वी वी गिरि तथा बी डी जत्ती ने उपराष्ट्रपति के पद पर रहते हुए कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया है। ★ भारत के दो राष्ट्रपतियों डॉक्टर जाकिर हुसैन और फखरुद्दीन अली अहमद की मृत्यु अपने कार्यकाल के दौरान हुई है। ★ डॉक्टर नीलम संजीव रेड्डी एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें 1977 ईस्वी में निर्विरोध राष्ट्रपति चुना गया था। ★ वी वी गिरि के राष्ट्रपति पद पर निर्वाचन के दौरान द्वितीय वरीयता प्राप्त मतों की गिनती करनी पड़ी थी। ★ भारत के प्रथम उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल थे। ★ 1969 ईस्वी में पहली बार लोकसभा में राम सुभग सिंह को तथा राज्यसभा में श्यामा नंदन मिश्रा को नेता प्रतिपक्ष के रूप...

पर्यावरण - 30/07/2021

Study Novelty By : Ambuj Kumar Singh               पर्यावरण ★ मनुष्य के लिए सर्वाधिक कार्यक्षम तापमान 25℃ तथा आर्द्रता 60% मानी गई है। ★ खेती की सर्वाधिक पुरातन प्रणालियों में 'झूम कृषि' को सर्वाधिक प्राचीन माना गया है। ★ पर्यावरण सुरक्षा अधिनियम को 'छाता विधान' के नाम से भी जाना जाता है। ★ अंकुरण के लिए बीजों को कम ताप पर रखना 'बसंतीकरण' कहलाता है। ★ भारत में अवनालिका अपरदन से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र मालवा पठार क्षेत्र (चंबल घाटी क्षेत्र) माना गया है। ★ वायु द्वारा उड़कर दूसरे स्थान पर पहुंची मृदा 'वातोढ़' कहलाती है। ★ श्वसन मूल मैंग्रोव प्रकार की वनस्पतियों में पाया जाता है। ★ पारिस्थितिक तंत्र का प्रमुख चालक बल 'सौर्यिक विकिरण' को माना गया है। ★ सामान परिस्थितिक तंत्र की स्थिरता 'स्वसाम्यावस्थित क्रियाविधि' द्वारा प्राप्त होती तथा कायम रहती है। ★ किसी मनुष्य के जीवन को पूर्ण रूप से धारणीय बनाने के लिए आवश्यक न्यूनतम भूमि को 'पारिस्थितिकीय पदछाप' कहा जाता है। ★ किसी भी पारिस्थितिकी तंत्र में एक निश्चित समय में अजीवीय पदार्थ की ...

मध्यकालीन प्रांतीय राजवंश - 30/07/2021

Study Novelty By : Ambuj Kumar Singh        मध्यकालीन प्रांतीय राजवंश ➡️ जौनपुर राज्य की स्थापना मुहम्मद बिन तुगलक के दास मलिक सरवर ने की थी। तुगलक वंशीय सुल्तान नासिरुद्दीन महमूद ने मलिक सरवर को अपना वजीर तथा जौनपुर का राज्यपाल बनाया था। 1398 ई. में तैमूर के आक्रमण के बाद फैली अव्यवस्था का लाभ उठाकर मलिक सरवर ने जौनपुर में स्वतंत्र राज्य की स्थापना की थी।       ➡️ मुहम्मद बिन तुगलक के समय अली मुबारक नामक व्यक्ति ने सुल्तान अलाउद्दीन के नाम से बंगाल में स्वतंत्र राज्य की स्थापना की, तथा लखनौती की जगह पाण्डुआ को अपनी राजधानी बनाया था। किंतु मलिक हाजी इलियास ने उसकी हत्या कर दी , तथा सुल्तान शमसुद्दीन नाम से गद्दी पर बैठा और इलियास शाही वंश की स्थापना की। ➡️ कश्मीर के शासक सुहादेव के समय 1320-23 ई. मंगोल आक्रमण होने पर वह भाग जाने पर लद्दाख के राजवंश का एक सदस्य रिंचन सत्ता पर अधिकार कर लेता है। उसने सुहादेव के वजीर एवं सेनापति रामचंद्र की हत्या कर दी तथा रामचंद्र की पुत्री कोटा रानी से विवाह करके शाहमीर को अपना वजीर बनाया था। हिंदू धर्म में स्थान न म...

इतिहास (पूर्व मध्यकाल) - 29/07/2021

Study Novelty By : Ambuj Kumar Singh राजपूत काल - 29/07/2021 ★ कल्हण की 'राजतरंगिणी' के अनुसार कश्मीर के कार्कोट वंशीय शासक ललितादित्य 'मुक्तापीड' के दरबार में काबुल के हिंदूशाही वंश राजकुमार नौकरी किया करते थे। ★ अल्बरूनी काबुल के अंतिम तुर्कीशाही राजा का नाम लगर्तूमान बताता है, जिसका कल्लर नामक एक योग्य ब्राह्मण मंत्री भी था। जब लगर्तूमान के बुरे व्यवहार से प्रजा असंतुष्ट हो गई, तो इस परिस्थिति का फायदा उठाकर कल्लर ने उसे कैद कर लिया और स्वयं राजा बन गया, जिसने हिंदूशाही या ब्राह्मणशाही नामक ने नए राजवंश की स्थापना की। ★ मिहिरभोज के ग्वालियर प्रशस्ति में गुर्जर प्रतिहारों को राम के छोटे भाई लक्ष्मण से जोड़ा गया है, जिन्होंने इंद्र के मद को चूर करने वाले मेघनाथ के विरुद्ध युद्ध कर शत्रुओं को रोकने में प्रतिहार अर्थात द्वारपाल की भूमिका निभाई थी। ★ चौहानवंशीय चंदनराज की रानी रुद्राणी या आत्माप्रभा महान शिव भक्त थी और एक योगिनी के रूप में प्रसिद्ध थी, जो पुष्कर तालाब के चारों ओर अंधकार को दूर करने के लिए 1000 प्रकाश स्तंभों की स्थापना करवाई थी। ★ चौहानवंशीय शासक अजयराज न...

प्राचीन भारत - अति महत्वपूर्ण तथ्य - 28/07/2021

Study Novelty By : Ambuj Kumar Singh Ancient History - 28/07/2021 ★ मोहनजोदड़ो के डी के एरिया से प्राप्त सेलखड़ी की पुजारी की मूर्ति को मंगोल प्रजाति तथा एच आर एरिया से प्राप्त कांसे की नृत्यरत नारी की मूर्ति को प्रोटोआस्ट्रेलायड प्रजाति का माना गया है। ★ अग्निदेव से अपनी उत्पत्ति मानने वाले राजपूत राजाओं के अतिरिक्त लगभग सभी पूर्व मध्यकालीन राजा अपनी वंशावली को मनु या मुन के पुत्र इच्छ्वाक या उसकी पुत्री इला से संबंधित करते हैं। इच्छ्वाक के उत्तराधिकारी सूर्यवंशी तथा इला के चंद्रवंशी रूप में प्रसिद्ध हुए। ★ हर्षवर्धन की मृत्यु के बाद अरुणाश्व (अर्जुन) नामक व्यक्ति ने कान्यकुब्ज (कन्नौज) पर अधिकार कर भारत आए चीनी सम्राट ताई सुआंग के दूत वांग सुआन त्से पर हमला किया था। बाद में इस दूत ने तिब्बत, नेपाल और असम की सेनाओं की मदद से उसे पराजित करके चीनी सम्राट के पास भेज दिया था। ★ राजाधिकार संबंधी प्राचीनतम आख्यान ऐतरेय ब्राह्मण में वर्णित है, जबकि राजसी दैविकता का सिद्धांत सर्वप्रथम मनुस्मृति एवं महाकाव्यों में दृष्टिगोचर होता है। ★ मालाबार के सीरा राज्य में 12वीं शताब्दी के लगभग एक मातृसत्...

केंद्रीय विधान मंडल - 25/07/2021

STUDY NOVELTY By: Ambuj Kumar Singh           हमारी संसद : अनु. 79-123 भारत में संसदीय लोकतंत्रात्मक व्यवस्था को अपनाया गया है। संविधान के अनु. 79 के अनुसार भारतीय संघ के लिए एक संसद होगी, जो राष्ट्रपति तथा राज्यसभा एवं लोकसभा से मिलकर बनेगी। इस प्रकार संसद के तीन अंग हैं, और यह संसद द्विसदनात्मक है। राज्यसभा राज्यसभा (उच्च सदन) एक स्थायी सदन है, जिसका विघटन नहीं होता है। इसके एक तिहाई सदस्य 2 वर्षों की समाप्ति पर सेवानिवृत्त हो जाते हैं। प्रत्येक सदस्य का कार्यकाल 6 वर्ष होता है, और वह दोबारा निर्वाचन का पात्र होता है। राज्यसभा में निर्वाचन हेतु योग्यता - भारत का नागरिक हो, तथा - आयु कम से कम 30 वर्ष हो। राज्यसभा का चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति का नाम विधानसभा के 10 सदस्यों द्वारा प्रस्तावित किया जाना चाहिए। राज्यसभा में राज्यों के प्रतिनिधियों का निर्वाचन उस राज्य की विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा किया जाएगा  अनु. 80(4)। संघ राज्य क्षेत्रों के प्रतिनिधि ऐसी रीति से चुने जाएंगे, जो सांसद वि...

भारतीय संविधान - 23/07/2021

STUDY NOVELTY By : Ambuj Kumar Singh स्मरणीय तथ्य (संविधान) - 23/07/2021 ★ भारत का झंडा गीत 'विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा' को श्यामलाल 'पार्षद' द्वारा लिखा गया था, और इसे सर्वप्रथम 1938 में कांग्रेस के हरिपुरा अधिवेशन में अध्यक्ष सुभाष चंद्र बोस ने स्वीकृति प्रदान की थी। ★ पिंगली वेंकैया द्वारा तैयार भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को संविधान सभा द्वारा 22 जुलाई 1947 को वर्तमान रूप में स्वीकृति प्रदान किया गया था। ★ रविंद्रनाथ टैगोर द्वारा रचित राष्ट्रगान 'जन गण मन' को सर्वप्रथम 27 दिसंबर 1911 ईस्वी को कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में गाया गया था, और इसे 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा द्वारा स्वीकृत किया गया था। ★ बंकिमचंद्र चटर्जी द्वारा रचित राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' को सर्वप्रथम 1896 ईसवी के कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में गाया गया था, तथा 24 जनवरी 1950 को इसे संविधान सभा द्वारा स्वीकृत किया गया था। ★ संविधान के अनुच्छेद 12 में दी गई 'राज्य की परिभाषा'  के अंतर्गत भारत सरकार एवं संसद, राज्य सरकार एवं विधान मंडल, भारत के राज्य क्षेत्र के ...

स्मरणीय तथ्य (संविधान) - 23/07/2021

STUDY NOVELTY By : Ambuj Kumar Singh स्मरणीय तथ्य (संविधान) - 23/07/2021 ★ संविधान सभा में एकमात्र मुस्लिम महिला सदस्य बेगम अयाज रसूल थीं। ★ भारतीयों की ओर से संविधान सभा की मांग सर्वप्रथम स्वराज पार्टी ने रांची में मई 1934 में रखी थी। ★ बेनेगल नरसिंह राव द्वारा संविधान सभा (प्रारूप समिति) के समक्ष प्रस्तुत किए गए संविधान के मूल प्रारूप में 243 अनुच्छेद तथा 13 अनुसूचियां थीं। ★ भारतीय संविधान को 26 जनवरी 1950 को इसलिए लागू किया गया, क्योंकि 26 जनवरी 1930 से ही भारत 'स्वतंत्रता दिवस' मनाता आ रहा था और इस दिन के ऐतिहासिक महत्व को स्थापित करना चाहता था। ★ भारत की स्वतंत्रता के पश्चात महात्मा गांधी ने यह विचार प्रकट किया था कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को एक राजनीतिक दल के रूप में अब भंग कर देना चाहिए। ★ के सी व्हीयर ने भारत को अर्ध संघात्मक राज्य का है, जबकि जी ऑस्टिन ने भारतीय संघवाद को सहकारी संघवाद कहा है। ★ कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी ने कहा है कि उद्देशिका हमारे प्रभुत्व संपन्न लोकतंत्रात्मक गणराज्य की जन्मकुंडली है। ★ भारतीय संविधान की उद्देशिका में 'हम भारत के लोग' शब...

इतिहास (आधुनिक भारत) - 22/07/2021

STUDY NOVELTY By: Ambuj Kumar Singh इतिहास (आधुनिक भारत) - 22/07/2021 ★ ईरानी शासक नादिर शाह को 'ईरान का नेपोलियन' तथा अहमद शाह अब्दाली को 'दुर्रे-दुर्रानी' (युग का मोती) कहा गया है। ★ शाहआलम द्वितीय के समय में ही अंग्रेजों ने 1806 ईसवी में दिल्ली पर अधिकार कर लिया था। ★ अंग्रेजों के संरक्षण में बादशाह बनने वाला तथा अंग्रेजों से पेंशन पाने वाला प्रथम मुगल बादशाह अकबर द्वितीय था। ★ भारत आने वाला प्रथम ब्रिटिश नागरिक जॉन मिल्डेन हाल था, जो 1599 ईस्वी में स्थल मार्ग से भारत आया था। ★ भारत में व्यापार करने वाले अनधिकृत ब्रिटिश व्यापारियों को 'इंटरलोपर्स' पर कहा जाता था, जो भारतीयों के साथ मिलकर विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से ईस्ट इंडिया कंपनी के व्यापारी एकाधिकार का विरोध करते थे। ★ 'सियान साहब' के नाम से चर्चित भगत जवाहर मल ने कूका आंदोलन की शुरुआत सिख पंथ में व्याप्त बुराइयों को दूर करने के लिए किया था। ★ लार्ड कार्नवालिस को 'भारतीय लोक सेवा का जनक' कहा जाता है। ★ ईश्वर चंद्र विद्यासागर द्वारा शुरू किया गया सोम प्रकाश एकमात्र ऐसा समाचार पत्र था, जिस...

इतिहास (मध्यकालीन भारत) - 22/07/2021

STUDY NOVELTY By: Ambuj Kumar Singh इतिहास (मध्यकालीन भारत) - 22/07/2021 ★ ऐतिहासिक दृष्टि से दिल्ली का संस्थापक 11 वीं सदी का शासक अनंगपाल तोमर था। इस समय दिल्ली का नाम 'ढिल्ली' या 'ढिल्लिका' था। ★ बलबन के समय 1276 ईस्वी में पालम बावली अभिलेख से दिल्ली का एक दूसरा नाम 'योगिनीपुर' मिलता है। 1166 ईसवी में योगिनीपुर पर मदनपाल नामक शासक राज्य करता था।  ★ अपने अभिलेखों में देवनागरी लिपि का प्रथम प्रयोग करने वाला चंदेल राजवंश पूर्व मध्यकालीन प्रथम राजवंश था। ★ महमूद गजनवी के सिक्कों पर संस्कृत में लेख अंकित है, जबकि मुहम्मद गोरी के सिक्कों पर लक्ष्मी की आकृति अंकित है। ★ भारत में पारसी धर्म को शीलाहार वंशीय राजाओं ने संरक्षण प्रदान किया था। ★ मुहम्मद बिन तुगलक को 'धनवानों का युवराज' अथवा 'सिक्कों के युवराज' की उपाधि मिली थी। ★ फिरोजशाह तुगलक के समय जजिया को भू राजस्व से अलग करके एक नया कर बना दिया गया था। ★ दारा शिकोह के आध्यात्मिक गुरु कादिरी परंपरा के सूफी संत मूल्लाशाह बदख्शी थे। ★ जिस प्रकार अकबर ने असीरगढ़ के दुर्ग को सोने की चाभी से खोला था, उसी...

इतिहास (प्राचीन भारत) - 21/07/2021

STUDY NOVELTY By: Ambuj Kumar Singh इतिहास (प्राचीन भारत) - 21/07/2021 ★ एक मानवीय नायक के रूप में वासुदेव के दैवीकरण का सबसे प्राचीनतम उल्लेख पाणिनि के अष्टाध्यायी में मिलता है। ★ मथुरा के समीप मोरा से प्राप्त प्रथम शताब्दी ईस्वी के एक अभिलेख से पता चलता है कि तोषा नामक एक महिला वासुदेव के साथ संकर्षण, प्रद्युम्न, साम्ब और अनिरुद्ध की मूर्तियां एक मंदिर में स्थापित करवाई थी। ★ महादेव के रूप में शिव का सर्वप्रथम उल्लेख श्वेताश्वर उपनिषद में मिलता है। ★ ऐतिहासिक रूप में शिव की उपासना का सर्वप्रथम उल्लेख चौथी शताब्दी ईसा पूर्व में चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में आए यवन राजदूत मेगास्थनीज ने किया है। ★ विवाह के समय कन्या को दिए गए उपहारों को वैदिक साहित्य में 'परिणाह्य' कहा गया है। ★ विश्वारा को 'ब्रह्मवादिनी' तथा 'मंत्रद्रष्टी' कहा गया है। उन्होंने ऋग्वेद में एक स्त्रोत की रचना की थी। ★ पुराणों में कौटिल्य को 'द्विजर्षभ' अर्थात श्रेष्ठ ब्राह्मण कहा गया है। ★ दास मुक्ति का विधान सबसे पहले अर्थशास्त्र में मिलता है। स्मृति ग्रंथों में सबसे पहले नारद स्मृति में इ...

उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं महान्यायवादी - 20/07/2021

STUDY NOVELTY By: Ambuj Kumar Singh उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं महान्यायवादी - 20/07/2021 अनु. 63 - भारत का एक उपराष्ट्रपति होगा। अनु. 64 - उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होगा और अन्य कोई लाभ का पद धारण नहीं करेगा। परंतु जब वह अनुच्छेद 65 के तहत राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है, तब वह राज्यसभा के सभापति के पद पर आसीन नहीं रहेगा और राज्यसभा के सभापति को प्राप्त वेतन-भत्तों का हकदार नहीं होगा। अनु. 65 - राष्ट्रपति की मृत्यु, पदत्याग, महाभियोग, अनुपस्थिति, बीमारी या अन्य कारणों से अपने कर्तव्यों के निर्वहन में असमर्थ रहने की दशा में उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति पद के कर्तव्यों का निर्वहन करेगा। ऐसे करते समय वह राष्ट्रपति की शक्तियों, विशेषाधिकारों एवं एवं वेतन-भत्तों का अधिकारी होगा। अनु. 66 - उपराष्ट्रपति का निर्वाचन - (1)  उपराष्ट्रपति का निर्वाचन संसद के दोनों सदनों के समस्त सदस्यों से मिलकर बनने वाले निर्वाचन गण के सदस्यों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा होगा और ऐसे निर्वाचन में मतदान गुप्त होगा।  (2) उपराष्ट्रपति संसद या राज्...

स्मरणीय तथ्य (इतिहास) - 19/07/2021

  STUDY NOVELTY By: Ambuj Kumar Singh स्मरणीय तथ्य (इतिहास) - 19/07/2021 ★ विक्रमशिला के प्राचार्य वज्रयान बौद्ध भिक्षु अतिश ज्ञान दीपंकर का मूल नाम चंद्रगर्भ था। ★ कन्नड़ काव्यशास्त्र पर पहली पुस्तक राष्ट्रकूट नरेश अमोघवर्ष द्वारा लिखी गई पुस्तक कविराजमार्ग है। ★ मानसोल्लास (अभिलाषचिंतामणि) नामक शिल्पशास्त्र की पुस्तक के लेखक कल्याणी के चालुक्य नरेश सोमेश्वर चतुर्थ 'सर्वज्ञ' के नाम से प्रसिद्ध थे। ★ मलयालम की सबसे पुरानी पुस्तक का नाम उन्नुनिली संदेशम् है। ★ हैदराबाद (अन्य नाम भाग्यनगर, सुल्तान की पत्नी भाग्यमती के नाम पर) की स्थापना तथा चार मीनार का निर्माण मोहम्मद कुली कुतुब शाह ने करवाया था। ★ हिंदूशाही राजा जयपाल की पराजय के बाद उसके नाती सुखपाल का महमूद गजनवी मुस्लिम बना कर ले गया, जिसे मुस्लिम नौशाशाह  कहते थे। ★ मोहम्मद बिन तुगलक ने शिहाबुद्दीन काजरूनी नामक विदेशी व्यापार में शामिल एक व्यक्ति को 'व्यापारियों का राजा' की उपाधि दी तथा उसके जिम्मे 3 पोत सौंपते हुए उसे खंभात नगर का प्रभारी बना दिया था। ★ मोपला किसान विशेष रूप से सैयद अली तथा उसके पुत्र सैयद फजल के व...

राष्ट्रपति - 18/07/2021

            STUDY NOVELTY By: Ambuj Kumar Singh                   संविधान : भाग 5                राष्ट्रपति आधुनिक शासन व्यवस्थाओं में विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के रूप में सरकार के तीन अंग होते हैं। इसमें विधायिका विधि बनाती है, कार्यपालिका उसे लागू करती है और न्यायपालिका उस विधि की व्याख्या करती है। इन तीनों अंगों के बीच शक्तियों के पृथक्करण पर बल दिया जाता है। भारत में संसदीय लोकतंत्रात्मक व्यवस्था को अपनाया गया है। इस व्यवस्था में राष्ट्रपति राष्ट्र का औपचारिक मुखिया होता है जबकि विधायिका में बहुमत दल का नेता ही प्रधानमंत्री होता है, जो सरकार का प्रधान होता है। राष्ट्रपति भारत का एक राष्ट्रपति होगा (अनु. 52)। संघ की कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित होगी और वह इसका प्रयोग स्वयं या अपने अधीनस्थ अधिकारियों के द्वारा करेगा (अनु. 53)। राष्ट्रपति का निर्वाचन अनु. 54 - राष्ट्रपति का निर्वाचन निर्वाचकगण के सदस्य करेंगे जिसमें - (क) संसद के दोनों सदनों के निर्व...

भाग 4(क) मूल कर्त्तव्य - 18/07/2021

         STUDY NOVELTY By: Ambuj Kumar Singh            मूल कर्त्तव्य - 18/07/2021                      मूल कर्त्तव्य            भाग 4(क) अनुच्छेद 51(क) मूल संविधान में मौलिक कर्तव्य नहीं थे। इन्हें सरदार स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिश पर 42वें संविधान संशोधन 1976 द्वारा संविधान के नए भाग 4(क) के अनुच्छेद 51(क) के रूप में स्थापित किया गया है। मूलतः इनकी संख्या 10 थी। किंतु 86वें संविधान संशोधन 2002 के द्वारा 11वाँ कर्तव्य जोड़ दिया गया है। अनु. 51(क) - मूल कर्तव्य - भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य होगा कि वह - (क) संविधान का पालन करे और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान का आदर करे; (ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को ह्रदय में संजोए रखे और उसका पालन करे; (ग) भारत की एकता और अखंडता की रक्षा करे और उसे अक्षुण्ण रखे; (घ) देश की रक्षा करे और आह्वान किए जाने पर राष्ट्र की सेवा करे; (ङ) भारत क...

भाग 4 (नीति निदेशक तत्व) - 17/07/2021

  STUDY NOVELTY By: Ambuj Kumar Singh नीति निदेशक तत्व - 17/07/2021 नीति निदेशक तत्व (भाग - 4) ★ ग्रेनविल आस्टिन ने भारतीय संविधान को मूलतः एक 'सामाजिक प्रलेख' मानते हुए यह स्वीकार किया है, कि इसके अधिकांश प्रावधान सामाजिक क्रांति के लक्ष्यों को बढ़ावा देते हैं, या इससे संबंधित आवश्यक परिस्थितियों का निर्माण करते हैं। इस सामाजिक क्रांति का लक्ष्य मूल अधिकार तथा नीति निदेशक तत्व में निहित दिखाई देता है। ★ राज्य की नीति के निदेशक तत्व संविधान के भाग 4 में अनुच्छेद 36 से 51 तक उल्लिखित हैं, जो आयरलैंड के संविधान से प्रेरित हैं। ★ मूल अधिकार वाद योग्य हैं, जबकि नीति निदेशक तत्व वाद योग्य नहीं हैं, अर्थात इन्हें प्रवर्तित कराने के लिए न्यायालय की शरण नहीं ली जा सकती है। ★ नीति निदेशक तत्व राज्य के नैतिक कर्तव्य हैं, जो कल्याणकारी राज्य की संकल्पना तथा सामाजिक-आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना पर बल देते हैं। अनु. 36 - राज्य की परिभाषा (भाग-3 जैसी)। अनु. 37 - इस भाग में अंतर्विष्ट तत्वों का लागू होना - - ये न्यायालय में प्रवर्तनीय नहीं होंगे।  - देश के शासन में मूलभूत हैं।  - इन तत्वो...

भाग 3 (मूल अधिकार) - 17/07/2021

  STUDY NOVELTY By: Ambuj Kumar Singh मूल अधिकार - 17/07/2021 मूल अधिकार (भाग - 3) ★ संविधान सभा के संवैधानिक सलाहकार बेनेगल नरसिंह राव ने वैयक्तिक अधिकारों की दो श्रेणियां बनाई थी - न्यायोचित एवं गैर-न्यायोचित। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता वाली प्रारूप समिति द्वारा इसे स्वीकृति मिलने के बाद न्यायोचित प्रकृति वाले अधिकारों को संविधान के भाग 3 में मूल अधिकारों के तहत स्थान दिया गया, जबकि गैर-न्यायोचित प्रकृति वाले अधिकारों को संविधान के भाग 4 के अंतर्गत नीति निदेशक तत्वों के तहत स्थान मिला। ★ अमेरिकी संविधान के प्रभाव में भारतीय संविधान में भी व्यक्तियों के संपूर्ण विकास हेतु राज्य के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान की गई है, जिन्हें मूल अधिकार नाम दिया गया है। ★ सर्वप्रथम 1215 में इंग्लैंड के सम्राट जॉन ने मूल अधिकारों से संबंधित प्रथम लिखित दस्तावेज जारी किया था। इसलिए इसे 'मूल अधिकारों का जन्मदाता' कहा जाता है। ★ 1689 के बिल ऑफ राइट्स तथा 1789 की फ्रांसीसी क्रांति में भी इसे स्थान दिया गया था। किंतु सर्वप्रथम अमेरिका में मूल अधिकारों को सांविधिक सुरक्षा प्रदान की गई। ★ भारतीय सं...