Study Novelty
By : Ambuj Kumar Singh
★ कल्हण की 'राजतरंगिणी' के अनुसार कश्मीर के कार्कोट वंशीय शासक ललितादित्य 'मुक्तापीड' के दरबार में काबुल के हिंदूशाही वंश राजकुमार नौकरी किया करते थे।
★ अल्बरूनी काबुल के अंतिम तुर्कीशाही राजा का नाम लगर्तूमान बताता है, जिसका कल्लर नामक एक योग्य ब्राह्मण मंत्री भी था। जब लगर्तूमान के बुरे व्यवहार से प्रजा असंतुष्ट हो गई, तो इस परिस्थिति का फायदा उठाकर कल्लर ने उसे कैद कर लिया और स्वयं राजा बन गया, जिसने हिंदूशाही या ब्राह्मणशाही नामक ने नए राजवंश की स्थापना की।
★ मिहिरभोज के ग्वालियर प्रशस्ति में गुर्जर प्रतिहारों को राम के छोटे भाई लक्ष्मण से जोड़ा गया है, जिन्होंने इंद्र के मद को चूर करने वाले मेघनाथ के विरुद्ध युद्ध कर शत्रुओं को रोकने में प्रतिहार अर्थात द्वारपाल की भूमिका निभाई थी।
★ चौहानवंशीय चंदनराज की रानी रुद्राणी या आत्माप्रभा महान शिव भक्त थी और एक योगिनी के रूप में प्रसिद्ध थी, जो पुष्कर तालाब के चारों ओर अंधकार को दूर करने के लिए 1000 प्रकाश स्तंभों की स्थापना करवाई थी।
★ चौहानवंशीय शासक अजयराज ने अपनी पत्नी सोमलेखा या सोमल्ल देवी के नाम पर भी कुछ सिक्के चलवाय थे, जिसके बारे में यह कहा जाता है कि वह नित्य प्रतिदिन नए सिक्कों का दान देकर अपने हाथ पवित्र किया करती थी।
★ कल्याणी के चालुक्य नरेश तैलप - 2 ने परमार नरेश मुंज को बंदी बनाकर कारागार में डाल दिया था और उसकी निगरानी के लिए अपनी बहन मृणालवती को लगाया था। मृणालवती के प्रेम में मुंज ने बंदीगृह से भागने की सारी योजना उसे बता दी, जिसने यह सूचना अपने भाई को दे दी। तैलप - 2 ने मुंज को बंदर की तरह बांधकर अपनी राजधानी में भीख मांगने पर विवश किया, और अंत में उसे वृक्ष से लटका कर मार डाला।
★ गुजरात के चालुक्य (सोलंकी) वंश के राजा जयसिंह सिद्धराज ने परमारों की राजधानी धारा पर आक्रमण करके यशोवर्मन को अपने अधीन किया था तथा नरवर्मन की हत्या कर दी थी। उसने अपनी ओर से महादेव नामक ब्राह्मण को मालवा का शासक बना कर 'अवंतिनाथ' विरुद धारण किया था।
★ त्रिपुरी के कलचुरी नरेश लक्ष्मीकर्ण ने चंदेल नरेश देववर्मन पर आक्रमण कर उसे परास्त करके उसके राज्य के कुछ भागों पर अधिकार कर लिया था। कश्मीर के महान कवि विल्हण ने लक्ष्मीकर्ण को 'कालिंजर गिरि के अधिपतियों का काल' कहा है।
★ जेजाकभुक्ति (बुंदेलखण्ड) के चंदेलों की 'स्वाधीनता का वास्तविक जन्मदाता' धंग नामक शासक था, जिसने प्रयाग (वर्तमान प्रयागराज) के संगम में जल समाधि द्वारा प्राण त्याग दिया था।
★ गहड़वाल (राठौर) वंशीय शासक मदनपाल को तुर्क आक्रमणकारियों ने कन्नौज पर आक्रमण करके बंदी बना लिया था उसके पुत्र गोविंदचंद्र ने कड़े संघर्ष के बाद उसे मुक्त कराया था।
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