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भाग 4(क) मूल कर्त्तव्य - 18/07/2021

        STUDY NOVELTY

By: Ambuj Kumar Singh


           मूल कर्त्तव्य - 18/07/2021        


           मूल कर्त्तव्य

           भाग 4(क) अनुच्छेद 51(क)


मूल संविधान में मौलिक कर्तव्य नहीं थे। इन्हें सरदार स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिश पर 42वें संविधान संशोधन 1976 द्वारा संविधान के नए भाग 4(क) के अनुच्छेद 51(क) के रूप में स्थापित किया गया है। मूलतः इनकी संख्या 10 थी। किंतु 86वें संविधान संशोधन 2002 के द्वारा 11वाँ कर्तव्य जोड़ दिया गया है।

अनु. 51(क) - मूल कर्तव्य - भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य होगा कि वह -
(क) संविधान का पालन करे और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान का आदर करे;
(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को ह्रदय में संजोए रखे और उसका पालन करे;
(ग) भारत की एकता और अखंडता की रक्षा करे और उसे अक्षुण्ण रखे;
(घ) देश की रक्षा करे और आह्वान किए जाने पर राष्ट्र की सेवा करे;
(ङ) भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भातृत्व की भावना का निर्माण करे जो धर्म, भाषा या वर्ग पर आधारित सभी भेदभाव से परे हो, ऐसी प्रथाओं का त्याग करे जो स्त्रियों के सम्मान के विरुद्ध हैं;
(च) हमारी सामासिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्त्व समझे और उसका परिरक्षण करे;
(छ) प्राकृतिक पर्यावरण की, जिसके अंतर्गत वन, झील, नदी और वन्य जीव हैं, रक्षा करे और उसका संवर्धन करे तथा प्राणिमात्र के प्रति दया भाव रखे;
(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करे;
(झ) सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखे और हिंसा से दूर रहे;
(ञ) व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर बढ़ने का सतत प्रयास करे जिससे राष्ट्र निरंतर बढ़ते हुए प्रयत्न और उपलब्धि की नई ऊंचाइयों को छू ले;
(ट) 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों के माता-पिता या संरक्षक उन्हें शिक्षा के अवसर प्रदान करें।





















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