STUDY NOVELTY
By: Ambuj Kumar Singh
★ आरा अभिलेख में उल्लिखित कनिष्क (हुविष्क का सहयोगी या विरोधी) ने 'कैसर' की नवीन उपाधि धारण की थी।
★ ईसवी सन की आरंभिक सदियों में पल्लवों ने सुमात्रा (वर्तमान इंडोनेशिया देश का एक द्वीप) में अपने उपनिवेश स्थापित किए थे।
★ कांचीपुरम के चोल शासक तोण्डैमान इलन्दिरैयन को 'विष्णु का वंशज' कहा गया है।
★ अरब आक्रमण का मूल उद्देश्य धर्म का प्रचार करना था, जबकि तात्कालिक उद्देश्य समुद्री लुटेरों को दंडित करने में असफल रहने वाले सिंध के राजा दाहिर को दंडित करना था।
★ लखनौती (बंगाल) विजय पर बलबन ने दिल्ली में एक समारोह का आयोजन किया, दान दिया, तथा कैदियों को उत्सव मनाने के लिए मुक्त कर दिया। उसने काजी फखरुद्दीन को 'नायबे गीबत' (सुल्तान की अनुपस्थिति में उसका प्रतिनिधि) की उपाधि प्रदान की।
★ इमादुलमुल्क (उपाधि - रावते अर्ज) कवि अमीर खुसरो का नाना था। इल्तुतमिश के एक दास अधिकारी के रूप में अपना जीवन शुरू करके वह बलबन के समय आरिजे मुमालिक (सुरक्षा मंत्री) के पद पर पहुंच गया था।
★ स्वामी श्रद्धानंद, लेखराम और मुंशीराम द्वारा 1902 ईस्वी में हरिद्वार के निकट कांगड़ी में स्थापित गुरुकुल विश्वविद्यालय ने सरकारी अनुदान लेने से अस्वीकार कर दिया था।
★ थियोसॉफिकल सोसायटी के लोग कर्म एवं पुनर्जन्म के सिद्धांत को मानते थे। वे सांख्य दर्शन एवं उपनिषदों को प्रेरणा स्रोत मानते थे।
★ आर्य समाज के प्रत्येक सदस्य के लिए अपनी आय का 1/100वां भाग संस्था को देना अनिवार्य था।
★ वहाबी आंदोलन के नेता सैयद अहमद ने पेशावर में स्वयं को 'इमाम मेहंदी' तथा 'खलीफा' घोषित किया था।
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