STUDY NOVELTY
By: Ambuj Kumar Singh
★ भारतीय नेताओं में सबसे पहले बाल गंगाधर तिलक द्वारा तथा उनके बाद महात्मा गांधी द्वारा संविधान सभा के गठन की मांग की गई थी।
★ अंग्रेजों द्वारा संविधान सभा की स्थापना का विचार सबसे पहले अगस्त 1940 ईस्वी में वायसराय लॉर्ड लिनलिथगो द्वारा अगस्त प्रस्ताव के माध्यम से किया गया था।
★ 1946 ईस्वी में संविधान सभा का गठन कैबिनेट मिशन के प्रस्ताव के तहत किया गया था।
★ संविधान सभा के 389 सदस्यों को प्रत्येक 10 लाख आबादी पर एक प्रतिनिधि के रूप में ब्रिटिश राज्यों से 292, कमिश्नरी क्षेत्रों से 4 एवं देशी रियासतों से 93 सदस्यों को अप्रत्यक्ष रूप से चुना गया था।
★ संविधान सभा में अनुसूचित जाति के सदस्यों की संख्या 26, अनुसूचित जनजाति के सदस्यों की संख्या 33 तथा महिला सदस्यों की संख्या 15 थी।
★ संविधान सभा की प्रथम बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई जिसमें वरिष्ठतम सदस्य डॉ सच्चिदानंद सिन्हा को इसका अस्थाई अध्यक्ष चुना गया था।
★ 11 दिसंबर 1946 को संविधान सभा के स्थाई अध्यक्ष के रूप में डॉ राजेंद्र प्रसाद को चुना गया था।
★ 13 दिसंबर 1946 को जवाहर लाल नेहरू ने उद्देश्य प्रस्ताव प्रस्तुत किया था जिसे संविधान सभा ने 22 जनवरी 1947 को स्वीकार किया था।
★ संविधान सभा के संवैधानिक सलाहकार बेनेगल नरसिंह राव थे जो आईसीएस अधिकारी थे तथा अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में पहले भारतीय न्यायाधीश थे। उन्होंने भारतीय संविधान का प्रारूप तैयार किया था तथा बर्मा (म्यांमार) का संविधान भी लिखा था।
★ संविधान सभा में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का निर्वाचन पूर्वी बंगाल से हुआ था। किंतु यह क्षेत्र पूर्वी पाकिस्तान में चले जाने के बाद उनका पुनर्निर्वाचन महाराष्ट्र से हुआ।
★ बेनेगल नरसिंह राव द्वारा तैयार किए गए संविधान के प्रारूप पर विचार करने के लिए 29 अगस्त 1947 को 7 सदस्यीय प्रारूप समिति का गठन हुआ था जिसके अध्यक्ष भीमराव अंबेडकर थे।
★ प्रारूप समिति में अपने योगदान के कारण डॉक्टर अंबेडकर को संविधान का पिता तथा आधुनिक भारत को सामाजिक-राजनीतिक रूप से प्रभावित करने के कारण आधुनिक भारत का मनु भी कहा जाता है।
★ प्रारूप समिति में कांग्रेस के एकमात्र सदस्य कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी थे तथा मुस्लिम लीग के एकमात्र सदस्य मुहम्मद सादुल्ला थे।
★ 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा की अंतिम बैठक हुई थी जिस दिन डॉ राजेंद्र प्रसाद को भारत का प्रथम राष्ट्रपति निर्वाचित किया गया था।
★ संविधान निर्माण में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन लगे जिसमें 11 (अंतिम बैठक को लेकर 12) अधिवेशन हुए।
★ 26 नवंबर 1949 को संविधान को स्वीकृत किया गया तथा 15 अनुच्छेदों (अनुच्छेद 394 के साथ कुल 16 अनुच्छेदों) के साथ आंशिक रूप से लागू किया गया था।
★ 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान पूर्ण रूप से लागू हुआ और इस दिन भारत गणतंत्र के रूप में स्थापित हुआ।
★ भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान है जिसमें प्रारंभ में 22 भाग 395 अनुच्छेद तथा 8 अनुसूचियां थी।
★ भारतीय संविधान को विशेष इटैलिक शैली में हस्तलेखन का कार्य प्रेम बिहारी नारायण ने तथा उसे चित्रों से सजाने का कार्य नंदलाल बोस के नेतृत्व वाली चित्रकारों की एक टीम ने किया था।
अनुसूचियाँ
मूल संविधान में 8 अनुसूचियां थीं। 9वीं, 10वीं, 11वीं एवं 12वीं अनुसूची को संविधान संशोधन के द्वारा जोड़ा गया है।
प्रथम अनुसूची :- भारत के 28 राज्य एवं 8 केंद्रशासित प्रदेशों एवं उनका विस्तार क्षेत्र का उल्लेख।
द्वितीय अनुसूची :- विभिन्न संवैधानिक पदाधिकारियों के वेतन, भत्ते एवं पेंशन का उल्लेख।
तृतीय अनुसूची :- विभिन्न संवैधानिक पदाधिकारियों द्वारा लिए जाने वाले शपथ या प्रतिज्ञान का उल्लेख।
चतुर्थ अनुसूची :- विभिन्न राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों का राज्यसभा में स्थानों का आवंटन।
पांचवी अनुसूची :- अनुसूचित क्षेत्रों एवं अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन एवं नियंत्रण संबंधी उपबंध।
छठी अनुसूची :- असम, मेघालय, त्रिपुरा एवं मिजोरम राज्य के जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन संबंधी उपबंध।
सातवीं अनुसूची :- संघ सूची, राज्यसूची एवं समवर्ती सूची का उल्लेख।
आठवीं अनुसूची :- संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त भारत की 22 प्रादेशिक भाषाओं का उल्लेख।
नौवीं अनुसूची :- न्यायिक समीक्षा से संरक्षण प्राप्त कानूनों का उल्लेख।
दसवीं अनुसूची :- दलबदल के आधार पर सांसदों की निरर्हता का उपबंध।
ग्यारहवीं अनुसूची :- पंचायती राज संस्थाओं से संबंधित विषयों का उल्लेख।
बारहवीं अनुसूची :- नगरपालिका क्षेत्र के स्थानीय स्वशासन से संबंधित विषयों का उल्लेख।
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