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Showing posts from November, 2025

अभिनेता धर्मेंद्र

  धर्मेंद्र : एक सपना, एक संघर्ष, एक अमर मुस्कान गाँव की मिट्टी से सपनों की उड़ान तक पंजाब के साहनेवाल कस्बे में जन्मे धर्मेंद्र का बचपन बिल्कुल साधारण था—खेतों की खुशबू, मिट्टी की सौंधी ऊर्जा और परिवार की उम्मीदें। उन्हें अपने गाँव से बेहद प्रेम था, और यही प्रेम उनकी आत्मा का आधार बना। उनकी आँखों में एक सपना था—“पर्दे पर चमकना”—पर इतना बड़ा सपना किसी छोटे कस्बे में खुलकर सपने जैसा ही लगता था। पर कवि हरिवंश राय बच्चन ने कहा है न कि “हर बड़ा सपना अक्सर छोटी जगहों की खामोशी में जन्म लेता है, और किसी बड़ी जगह पर साकार रूप लेता है।” बस इसी तरह से धर्मेंद्र की कहानी शुरू होती और आकार लेती है। चुनौतियों की राह पर पहला कदम गाँव से मुंबई की यात्रा आसान नहीं थी। जेब में थोड़े पैसे, दिल में हज़ार उम्मीदें और मन में यह विश्वास कि “कुछ बनकर ही लौटूँगा।” मुंबई जैसे विशाल शहर में संघर्ष उनकी परीक्षा था। कई दफ़ा स्टूडियो के बाहर घंटों इंतज़ार—कभी अवसर नहीं, कभी पहचान नहीं। लेकिन धर्मेंद्र हार नहीं माने। उनके भीतर का हीरो पहले मन में पैदा हुआ, और फिर वह पर्दे पर उभरा। इस बात पर मिर्ज़ा  ग़ालि...