भारत में लोकतंत्र चुनाव और जाति Democracy, Election and Caste in India By : AMBUJ KUMAR SINGH संप्रभुता के स्रोत के आधार पर जिन शासन प्रणालियों की संकल्पना संरचित की गई है, उनमें एक लोकतंत्र भी है। चुनाव लोकतंत्र की धुरी है, जिसके माध्यम से लोक कल्याण की अवधारणा को सिद्ध करने का प्रयास किया जाता है। किंतु भारत में विभिन्न जातियों में बँटे समाज एवं राजनीति के जातीयकरण से लोकतंत्र के मूल उद्देश्यों की प्राप्ति में बाधा आती रही है, और यहां की लोकतांत्रिक व्यवस्था की यही सबसे बड़ी विडंबना है। लोकतंत्र को सीमित अर्थों में, इसके राजनीतिक पहलू पर बल देते हुए, एक शासन-प्रणाली के रूप देखा जाता है। शाब्दिक रूप से 'डेमोक्रेसी' (Democracy) 'डेमोस' (Demos) और 'क्रेटोस' (Cratos) शब्द से मिलकर बना है। डेमोस का अर्थ है - जनता तथा क्रेटोस का अर्थ है - शासन। इस प्रकार डेमोक्रेसी का अर्थ हुआ - जनता का शासन। लोकतंत्र की सर्वाधिक लोकप्रिय परिभाषा अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने 1863 ई के गेट्सवर्ग संबोधन में देते हुए, इसे जनता द्वारा, जनता के लिए और जनता का शासन कह...